छोटे पर्दे पर जब बी.आर.चोपड़ा के सीरियल महाभारत को टेलीकास्ट किया गया था, तो उस दौरान इस सीरियल की लोकप्रियता देखते ही बनती थी।
इस शो का हर एक किरदार दर्शको के जहन में बस गया था। इस ऐतिहासिक सीरियल को 1988 में पहली बार प्रसारित किया गया था।
इस सीरियल के लोकप्रिय किरदारों में एक अहम किरदार शकुनी मामा का था। इस किरदार को गूफी पेंटल ने बखूबी तौर पर निभाया था।
लेकिन आप में से बहुत कम लोग इससे वाकिफ होंगे कि शकुनी किरदार को निभाने से पहले गूफी आर्मी में थे और आपको जानकर काफी दिलचस्प लगेगा कि भारत – चीन की सीमा पर ये रामलीला किया करते थे।
इससे भी ज्यादा दिलचस्प बात ये है कि इनको रामलीला में सीता की भूमिका निभाने को मिलती थी।
जब ये इंजीनियरिंग कर रहे थे ,तभी इनको आर्मी में उन्हें नौकरी करने का मौका मिला। एक बातचीत के दौरान अभिनेता ने बताया था कि 1962 में जब भारत और चीन के मध्य युद्ध शुरू हुआ था।
उस दौरान वो इंजीनियरिंग कर रहे थे ,तभी कॉलेजों से आर्मी की भर्ती सीधी तौर पर हुई। गूफी को हमेशा से आर्मी में जाने की इच्छा थी इसलिए इन्होंने मौके को बिना गवाएं आर्मी जॉइन कर ली ।इनकी पोस्टिंग चाइना बॉर्डर पर आर्मी आर्टिलरी में हुई थी।
रावण की कुछ यूं होती थी एंट्री
गूफी ने बताया कि बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान वहां पर रेडियो या टीवी मनोरंजन के लिए मौजूद नहीं होता था।यही वजह है कि जवान रामलीला किया करते थे।
उन्हें सीता का किरदार निभाने को दिया जाता था और रावण बना शख्स स्कूटर पर बैठ कर सीता यानी गूफी का अपहरण करता था।
भारत-पाकिस्तान पार्टीशन के बाद आए भारत
गूफी पेंटल का परिवार बंटवारे के दौरान पाकिस्तान से के लाहौर से दिल्ली आकर यही बस गया।
उनके पिता गुरचरण पटेल उर्फ चन्नी ने दिल्ली के सदर बाजार में अपना स्टूडियो खोला।गुफी को बचपन से ही एक्टिंग करने का बड़ा शौक था, इसलिए अपने बड़े भाई के बुलाए जाने पर वो शौकिया मुंबई आ गए।
शकुनी से पहले वो शो के कास्टिंग डायरेक्टर थे।
गौरतलब है कि गुफी महाभारत में कास्टिंग डायरेक्टर भी थे। उन्होंने आगे बताया शकुनी के रोल के लिए उस दौरान तीन लोगों को चुना था।
इसी बीच शो के स्क्रिप्ट लिख रहे राही मासूम रजा की नजर उन पर पड़ गई और उन्होंने शकुनि का रोल निभाने की सलाह दी।