भारतपे के फाउंडर और रियल्टी शो शॉर्क टैंक इंडिया के जज अशनीर ग्रोवर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा है कि वह क्यों इंडियंस कस्टमर को हासिल करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य के रूप में देखा करते है।
अशनीर ग्रोवर ने यूट्यूबर राज शामनी को दिए इंटरव्यू में कहा कि, “भारतीय एक तरह से दुनिया के सबसे बिगड़ैल कस्टमर्स होते है।
इन्हें सबकुछ कम से कम कीमत में, कम साइज में और तुरंत चाहिए होता है। यहां तक कि इन सबके बाद उन्हें डिस्काउंट भी चाहिए होता है।”
दरअसल अशनीर भारत में ग्रॉसरी डिलीवरी के बिजनेस और ग्रोफर्स के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) के तौर पर उनके टेन्योर के दौरान आई मुश्किलों के बारे में बात कर रहे थे, जिस दौरान उन्होंने यह कमेंट किया है।
अशनीर ने कहा कि भारत में सभी उत्पादों का मैक्सिम रिटेल प्राइस (MRP) तय होना एक बड़ी चुनौती होता है, जिसका उन्हें सामना करना पड़ा था। लोग सर्विस के लिए पैसे नहीं देना चाहते हैं, वे सिर्फ प्रोडक्ट के लिए ही पैसा देने में दिलचस्पी रखते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “अमेरिका में सीधा कॉन्सेप्ट है कि जब आप किसी शहर से थोड़ा बाहर जाएंगे, तो आपको चीजें सस्ती मिलनी शुरू हो जाएंगी। जबकि वहीं चीजें शहर के बीच में सबसे महंगी होती है।
हालांकि भारत में मैक्सिमम रिटेल प्राइस (MRP) का जो कॉन्सेप्ट है, जो प्रोडक्ट का दाम हर जगह समान रखता है और यह एक बड़ी मुश्किल है।”
उन्होंने ग्रॉसरी बिजनेस से दूसरी बड़ी चुनौती लोगों के किराना प्रोडक्ट खरीदने के तरीके के बारे में भी बात की। अशनीर ने बताया, “भारत में किराना के सामान के लिए बाजार एक रोजाना का काम रहता है।
अमेरिका और दूसरे देशों में लोग किराना सामान को एक बार में खरीदकर कम से कम महीने भर के लिए घरों में इकट्ठा कर लेते हैं। यहां ऐसा नहीं देखने को मिलता है।”
अशनीर ने कहा, “भारत में रोज लोग सब्जी खरीदने या किसी न किसी बहाने बाजार में घूमने निकलते रहते हैं। फिर वह उसके साथ किराना का भी एक दो प्रोडक्ट को खरीद कर घर लेकर आते है।
यहां घरों में किराना प्रोडक्ट को जमा करने का रिवाज नहीं है। इसलिए यहां ग्रॉसरी ऐप का औसत टिकट साइज काफी कम रहता है।
इसमें आपको डिस्काउंट भी देना पड़ता है और लॉजिस्टिक का पैसा भी निकालना रहता है। इसकी वजह से ग्रॉसरी बिजनेस को यहां खड़ा करना मुश्किल रहता है।”
भारतपे के फाउंडर अशनीर ग्रोवर की नेटवर्थ की बात की जाए तो उनकी नेटवर्थ करीब 700 करोड़ रुपये की है और वह शार्क टैंक इंडिया के सभी सातों जजों में सबसे अमीर जज है।