शार्क टैंक इंडिया का पहला सीजन सफलतापूर्वक खत्म हो चुका हैं। दर्शकों ने इस शो को अपना भरपूर प्यार दिया था।
इस शो में बतौर शार्क दिखने वाले देश 7 बड़े बिजनेसमैनों में से भारतपे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर को सबसे ज्यादा लोकप्रियता मिली है।
शो में अशनीर अपने अपने गुस्से और नेगेटिव कमेंट के कारण टीवी चैनल से लेकर सोशल मीडिया पर छाए रहते है। इस दौरान अशनीर पर खूब मीम्स भी सोशल मीडिया पर देखने को मिले है।
हाल ही में द कपिल शर्मा शो में शार्क टैंक इंडिया के सभी शार्क नजर आये थे। इस दौरान ग्रोवर ने बताया कि वो जो है, जैसा शो में दिखाया गया है एटिट्यूड रखते हुए ही बोल रहे है।
उन्होंने कहा कि कि वो कभी नहीं चाहते थे कि देश के युवा एंटरप्रेन्योर्स अपना समय और पैसा किसी ऐसी चीज़ में बेकार ना कर दे तो उन्हें पता है कि उनका ये बिजनेस नहीं चलने वाला है।
शार्क टैंक इंडिया का पहला सीजन लगभग एक महीनें पहले ही खत्म हो गया है लेकिन अब भी ट्रोलर्स अशनीर को ट्रोल करने में लगे हुए है।
हाल ही में उन्होंने बताया था कि वो सुबह 3 बजे उठकर गाली-गलौच वाले कमेंट्स डिलीट करते रहते है।
अशनीर ने कॉमेडियन रोशन जोशी को दिए एक इंटरव्यू में बताया, की “अभी भी मुझे गालियां मिल रही है। अभी भी रात को मैं छुपकर 3 बजे उठता हूँ और गंदे-गंदे कमेंट डिलीट करता हूँ।”
इससे पहले अशनीर ने यूट्यूब टॉक शॉ फिंगरिंग आउट में राज शमानी को दिए इंटरव्यू में बताया था कि वह कैसे शार्क टैंक इंडिया का हिस्सा बन गए थे।
उन्होंने कहा, “सोनी द्वारा शो शुरू करने से पहले काफी पहले इन्वेस्टर, वेन्चर कैटलिस्ट से बातचीत की गयी थी। इस कंपनी ने भारतपे में इन्वेस्ट किया था और उन्हें 80 गुना ज़्यादा रिटर्न में मिल गया था।
इस कंपनी द्वारा सोनी को 300 ऐसे फ़ाउंडर्स की सूची दी गयी थी जो शो के जज बन सकते थे। सोनी ने सभी का बैकग्राउंड रिसर्च करना शुरू कर दिया और फिर मुझसे से संपर्क किया।”
फिनटेक स्टार्टअप भारतपे के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर अशनीर ग्रोवर कंपनी के बोर्ड के बीच विवाद अभी भी सुलझा नहीं है।
अब अशनीर ने आरोप लगाया है कि बोर्ड उन्हें जबरदस्ती कंपनी से बाहर निकालने में लगा हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे उन्हें कंपनी से बाहर करना चाह रहे है तो उन्हें हिस्सेदारी के बदले में 4,000 करोड़ रुपये देने होंगे। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बोर्ड अशनीर के इस मांग को नहीं मानेगा।
वहीं ग्रोवर बिना “पर्याप्त मुआवजे” के कंपनी छोड़ने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है। ऐसे में अब यह मामला कानूनी लड़ाई की ओर बढ़ता दिख रहा है और कब खत्म होगा ये कोई नहीं जानता है।