लेंसकार्ट के को फाउंडर और सीईओ, पीयूष बंसल ने हाल ही में शार्क टैंक इंडिया शो के शर्मनाक मूमेंट्स में से एक को याद किया।
शार्क ने एक एपिसोड में शो में गड़बड़ी की थी जहां उन्होंने एक प्रतियोगी को बधाई दी थी। उन्होंने शो का नाम बताने के बजाय कहा, “लेंसकार्ट में आपका स्वागत है।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने सोनी टेलीविजन से उनकी नासमझी को प्रसारित नहीं करने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने इसे शो में रखने का फैसला किया।
पीयूष बंसल ने स्टैंड-अप कॉमेडियन रोहन जोशी और तन्मय भट से पॉडकास्ट पर बात कर रहे थे, जब उन्होंने इस इंसिडेंट के बारे में बताया।
उन्होंने शो में कहा, “मैं उस जोन में था। मुझे पता ही नहीं चला। बाकी सब हंसने लग गए, तब मुझे एहसास हुआ कि मैंने ‘वेलकम टू लेंसकार्ट’ कहा है।
उन्होंने बताया कि अपनी जूम मीटिंग्स में यह कहने के आदी हैं और इसलिए, उन्होंने शो में भी अनजाने में ऐसा किया। उन्होंने आगे कहा, “दो साल ज़ूम पे ही निकला है।
कोई आता है तो सबसे पहले मुँह से यहीं निकलता है कि, ‘लेंसकार्ट में आपका स्वागत है’, तो वहां पर भी वही निकल गया।
फिर मैंने सोनी से कहा कि, ‘यार, इस्को मत दिखाना, मैंने गलती से ये बोल दिया। उन्होंने कहा कि ‘ये तो पक्का दिखयेंगे’।”
बिजनेस रियलिटी शो, शार्क टैंक इंडिया सीजन एक के समाप्त होने के बाद भी लोग इसके बारे में बात करते हुए नहीं थक रहे है। यह शो अमेरिकी शो शार्क टैंक का हिंदी वर्जन है।
शार्क टैंक इंडिया के पहले सीजन की होस्टिंग रणविजय सिंह करते हुए नजर आये थे। जिसमें शार्क, अमन गुप्ता, अशनीर ग्रोवर, अनुपम मित्तल, गज़ल अलघ, नमिता थापर और विनीता सिंह भी थे।
यह शो इंटरप्रेन्योर के बारे में है जो इन्वेस्टर्स को अपनी कंपनी में इक्विटी शेयर के बदले में फंड के लिए अपने बिजनेस आइडियाज और मॉडलों को पेश करते हैं।
इन सबके अलावा पीयूष बंसल ने एक ऐसी डील करी जिसके लिए सभी शार्क के अलावा मीडिया पर भी काफी तारीफ की गयी।
शो के एक एपिसोड में महाराष्ट्र के मालेगांव का एक होनहार इंटरप्रेन्योर कमलेश नानासाहेब घुमरे उर्फ जुगाड़ू कमलेश ने अपने कमाल के जुगाड़ से एक साइकिल दिखाई।
इस साइकिल को कई कामों में इस्तेमाल कर सकते है और खास तौर से कृषि के काम के लिए ये बहुत ही उपयोगी है। कमलेश के इस बेहतरीन आईडिया पर लेंसकार्ट के को-फाउंडर और सीईओ पीयूष बंसल ने इन्वेस्ट कर दिया।
पीयूष ने इन्वेस्ट करने के बाद कमलेश को भारत की उम्मीद बताया। उन्होंने अब तक उन्होंने जितना इन्वेस्ट किया है।
उससे पता चलता है कि वो सिर्फ एक इन्वेस्टर्स ही नहीं बल्कि दोस्त, परिवार के सदस्य जैसे भी बन जाते हैं। आसान भाषा में कहें वो एक इन्वेस्टर्स से ज्यादा भी बहुत कुछ है।