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चोल वंश के साम्राज्य से जुड़े ये 10 तथ्य आपको भी कर देंगे हैरान, 500 करोड़ में बन रही फिल्म

मणिरत्नम द्वारा बनाई गई फिल्म बहुचर्चित फिल्म पोन्नियिन सेल्वन-1 का हिंदी टीजर रिलीज किया चुका है. ये एक बेहतरीन ऐतिहासिक ड्रामा तमिल लेखक काल्की के लोकप्रिय नोवल Ponniyin Selvan (The Son Of Ponni) पर ही पूरी तरह आधारित है.

इस फिल्म में चोल साम्राज्य के दौर के वक्त को लोगों के सामने पेश किया गया है. इस फिल्म की कहानी 10वीं शताब्दी के दौर को दर्शको के सामने पेश करेगी.

फिल्म में लीड रोल जयम रवि में दिखाई देंगे जोकि पोन्नियिन सेल्वन की भूमिका निभाने वाले है, जिन्होंने तमिल इतिहास में काफी सबसे लंबे समय तक शासन किया था.

इस फिल्म का बजट 500 करोड़ रुपये ही रखा गया है. इस फिल्म की जैसे कोई भी जानकारी लोगो कसामने आती है, लोगों तुरंत ही चोल राजवंश के बारे में बातचीत करना शुरू कर देते हैं.

आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको चोल राजवंश का इतिहास बताने वाले हैं.

1. भारतीय इतिहास में काफी लंबे वक्त तक शासन करने वाले राजवंशों का जिक्र हमेशा ही होता रहता है, लेकिन उन सभी राजवंशों में चोल राजवंश का नाम सबसे ऊपर है.

2.आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत के दक्षिणी हिस्से में पहले चोल राजा द्वारा ही सत्ता संभाली गई थी. लेकिन इस बात के भी पूरे सबूत सामने आ चुके हैं कि चोल राजवंश तीसरे शताब्दी BCE तक पूरी तरह स्थापित किया जा चुका था.

3. इस बात का सम्राट अशोक के पत्रलेखों में भी जिक्र किया गया है कि सिर्फ चोल राजवंश ने ही सम्राट अशोक के बाहुबली मौर्या साम्राज्य से ज्यादा वक्त तक अपने देश पर शासन किया था, बल्कि कई लोग तोह यह भी मानते हैं कि इस राजवंश ने 1279 CE तक भारत में अपना विस्तार किया था.

4. एक अनुमान के मुताबिक चोल राजवंश ने लगभग 1500 सालों से ज्यादा भारत में राज किया था.

तमिल क्षेत्र में सबसे ज्यादा ताकतवर हुआ करता था राजवंश

5. चोल राजवंश के अगर प्रारंभिक काल की बात की जाए तो इस समय ही संगम साहित्य की शुरुआत की गई थी. इस काल में कांतामान ने सबसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल की थी .

मध्यकालीन युग के समय चोल राजवंश द्वारा सत्ता को स्थापित करने और विकास की योजना पर ध्यान दिया गया था.

इस समय ही चोल राजवंश के शक्तिशाली राजा अस्तित्व में आए थे इस समय सबसे पहले आदित्य प्रथम और परातंक प्रथम जैसे राजाओं ने शासन किया.

इसके बाद राजाराज चोल और राजेंद्र चोल ने इस साम्राज्य को चारो दिशाओं में फैला दिया था.

6.अगर इन दोनो राजाओं की बात करें तो इनके समय चोल राजाओं के पास 2 लाख पैदल सिपाही, 1.5 लाख घुड़सवार सिपाही, 5000 हाथी और 1000 से ज्यादा जहाज थे जो इन्हे बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली बनाते थे.

इसके बाद कुलोत्तुंग चोल द्वारा कलिंग पर ही कब्जा जमाया गया था और इन्होंने अपने शासन को मजबूत किया. इस महान साम्राज्य ने 13वीं शताब्दी की खूब ताकत हासिल की थी.

इसके बाद पंड्या राजवंश के अस्तित्व में आने के बाद इस साम्राज्य का पूरी तरह पतन हो गया था.

7. इतना ज्यादा बड़ा था चोल साम्राज्य
चोल राजवंश पूरी तरह से कावेरी नदी की घाटी पर ही स्थित था. ये नदी कर्नाटक, तमिलनाडु और दक्षिणी दक्कन पठार से लेकर पश्चिम बंगाल तक ही पाई जाती है.

8.अपने शासन के समय पर चोल राजवंश द्वारा नदी के एक बड़े हिस्से पर अपना राज कर लिया था. इस साम्राज्य ने पूरा दक्षिण भारत के साथ ही साथ श्रीलंका और मालदीव तक को जीत लिया था.

9. चोल राजाओं द्वारा श्रीविजय साम्राज्य से प्रमुख समुद्री व्यापारिक पोस्ट को भी अपने ही कब्जे में ले लिया गया था.

इस तरह चोल राजवंश ने अपनी बादशाहत समुद्र में भी कायम रखी हुई थी. आज श्रीविजय साम्राज्य को इंडोनेशिया नाम से भी जाना जाता है.

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